सीएम अब विधायकों को कैबिनेट रैंक देकर सरकार की डूबती नैया बचाने की चक्कर में: विपिन परमार

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शिमला,03 मार्च: राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत के बाद हिमाचल प्रदेश में अशांतिपूर्ण माहौल बनाया जा रहा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायकों को चेयरमैन बनाकर व उन्हें कैबिनेट रैंक देकर अपनी डूबती नैया को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें वह सफल नहीं होंगे। यह बात भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने सीएम द्वारा 6 बागी विधायकों को काले नाग की संज्ञा देने पर पलटवार किया तथा इन विधायकों ने राज्यसभा में हिमाचल हित में वोट किया तथा इस तरह के अमर्यादित शब्दों का प्रयोग अनुचित है। वोट करके कांग्रेस विधायकों का रोष कांग्रेस सरकार के खिलाफ जाहिर हुआ। इसके बाद कांग्रेस विधायकों की सदस्यता एक फरमान से रद्द कर दी गई।

विपिन परमार ने आरोप लगाया कि धर्मशाला, हमीरपुर, कुल्लू में बागी नेताओं के पुतले फूंके जा रहे हैं। योजनापूर्वक मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस सरकार जगह-जगह झगड़े करवा रहे हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था बहाल रहनी चाहिए। यह योजनापूर्वक धरना-प्रदर्शन एवं लड़ाइयां हिमाचल में करवाए जा रहे हैं, जो अमर्यादित, असंवैधानिक व लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने सी.एम. से आग्रह किया कि वह अपने कार्यकर्त्ताओं को संदेश दें कि पुतले फूंकने व सनसनी पैदा करने जैसे प्रकरण को रोके। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने की दिशा में कार्य करें। परमार ने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता में रहने का अधिकार एवं हक पहले ही खो चुकी है और इस प्रकार की बयानबाजी साफ दिखाती है कि मुख्यमंत्री और सरकार दोनों परेशान हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री को डाॅक्टर से चैकअप करवा लेना चाहिए।

विपिन परमार ने कहा कि प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के समय सुक्खू सरकार के एक महत्वपूर्ण मंत्री द्वारा त्याग पत्र की घोषणाएं मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली की आलोचना तथा अपने परिवार की कांग्रेस में हो रही उपेक्षा के आरोप ये सिद्ध करते हैं कि प्रदेश सरकार अपने राजनीतिक अंतर्द्वंद्व के कारण संकट में है, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार व कांग्रेस पार्टी की है। सरकार के मंत्री व विधायकों द्वारा अपनी उपेक्षा और अनदेखी के आरोपों से सरकार व कांग्रेस संगठन की असलियत जनता के सामने आ गई है। कांग्रेस सरकार की खींचतान व विधायकों की उपेक्षा से आज प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा हुआ है और सरकार अपना विश्वास खो चुकी है और अल्पमत में आ गई है।

विपिन परमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पार्टी को मां की संज्ञा दे रहे हैं। हिमाचल के मतदाताओं ने कांग्रेस नेताओं को मां (पार्टी) को संवारने व उसे मजबूत करने का मौका दिया था लेकिन वह उसका अनादर कर रहे हैं। ऐसे में मां यानि कांग्रेस सोच रही है कि उसने किसी तरह के सपूतों के हाथ में पार्टी सौंपी है तथा अब उसे कैसे मोक्ष मिले। उन्होंने सदन से 15 विधायकों के सस्पैंड करने को भी अलोकतांत्रिक करार दिया तथा कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को अपनी तटस्थ भूमिका अदा करनी चाहिए।

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