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शिलाई,24 मार्च: सालों बाद जब कोई अपना बिछड़ा हुआ मिल जाता है। तो कितनी खुशी होती है। इसका अहसास पृथ्वी सिंह की इकलौती बेटी बयां कर सकती है।

दरसल पृथ्वी सिंह सपुत्र नारायण सिंह राजस्थान के ज़िला सीकर के रहने वाले है। पृथ्वी सिंह मानसिक तनाव के चलते 23 वर्ष की उम्र में घर से चला गया था। जगह जगह भटकने के बाद पिछले 8 वर्षों से पृथ्वी सिंह शिलाई के उपतहसील रोनहाट के साथ लगते गांव पनोग में रह रहा था।

पनोग पंचायत के उप प्रधान सुरेश पोजटा ने पृथ्वी सिंह को उसके परिवार से मिलाने के लिए कदम बढ़ाए ओर रोनहाट पुलिस के जवान नवीन और विक्की राणा की सहयोग से इसमें सफलता भी प्राप्त की।
पृथ्वी सिंह अपने बेटी से मिले तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उनकी बेटी के आँसू देखकर मिलन की इस घड़ी में उपस्थित लोगों के भी आंसू निकल आए। आज 25 साल बाद अपने परिवार संग पृथ्वी सिंह राजस्थान के लिए रवाना हुए हैं।

उप प्रधान सुरेश पोजटा ने न्यूज़ अबतक हिमाचल को फोन पर बताया कि पृथ्वी सिंह की बेटी रिश्तेदारों के संग अपने पिता को लेने पहुंची थी। और उसने सारा घटना क्रम सुनाया तो सुनकर आँखे नम हो गई।
दरसल 1998 में पृथ्वी सिंह मानसिक रूप से अक्षम हो गए थे। और पत्नी व एक बेटा और बेटी को छोड़ कर घर से चला गया।
पिता जी को लेने पनोग पहुँची बेटी ने आप बीती बताई कि पिताजी को ढूंढने का बहुत प्रयास किया लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया घर में मुसीबत का दोर शुरू हो गया,मेरे भाई और माँ की मृत्यु हो गई।

लड़की ने बताया कि भाई का गाड़ी में एक्सीडेंट हो गया, और मौत हो गई। टेंशन में मां की भी मौत हो गई। लड़की ने बताया कि मेरा मायके पक्ष परिवार सब खत्म हो गया था।
लड़की ने बताया कि मां की मौत से पहले उन्होंने मेरी शादी करा ली थी। मेरे चाचा,ताया ने हमसे पहले ही दूरियां बना ली थी।
पिता जी के जिंदा रहने की आस भी अब टूट गई थी। लेकिन जैसे ही सरपंच ओर पुलिस से पिता जी की खबर मिली वह अपने पति व रिश्तेदार संग हजारों किलोमीटर दूर राजस्थान से शिलाई पहुंच गई।
उपप्रधान सुरेश पोजटा ने जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी सिंह पिछले 8 वर्षों से पनोग में रह रहा था। उन्होंने बताया कि पृथ्वी सिंह BA पास है। लेकिन मानसिक रूप से अक्षम हो गए थे। और आधे से ज़्यादा आयु भटक कर पूरी कर ली है।
उन्होंने बताया कि कई बार उसे परिवार के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई थी लेकिन सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
सुरेश पोजटा ने बताया कि रोनहाट पुलिस से मदद ली जवान नवीन और विक्की राणा ने व्यक्ति से बड़ी मुश्किल से जानकारी एकत्रित की। क्योंकि पृथ्वी सिंह के पास कोई पहचान पत्र आदि भी नहीं था।
पृथ्वी सिंह ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक पुलिस जवान नवीन और विक्की राणा ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया बड़ी मुश्किल से महीनों प्रयास बाद पृथ्वी सिंह के परिवार से संपर्क हो पाया। और पिछले कल दो गाड़ियों से पृथ्वी सिंह की बेटी और 6 अन्य लोग रोनहाट पहुंचे। बेटी ने अपने पिता को तुरंत पहचान लिया और लिपटकर रोने लगी।
उप प्रधान सुरेश पोजटा ने बताया कि अपने परिवार संग पृथ्वी सिंह राजस्थान के लिए रवाना हुए हैं। जाते समय पनोग के लोगों ने व रोनहाट पुलिस ने पृथ्वी सिंह की आर्थिक मदद भी की है।