सिरमौर में 62 पीड़ितों को 71.45 लाख से अधिक राहत राशि वितरित – सुमित खिमटा

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जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक आयोजित

नाहन 15 मार्च:  अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम  के अंतर्गत सिरमौर जिला में बीते साढ़े तीन सालों के दौरान 51 मामलों के 62 पीड़ितों को 71.45 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की गई है।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने  गुरुवार को आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत वर्ष 2021 से मार्च 2024 तक कुल 53 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 31 मामले न्यायालय में लंबित हैं तथा 10 का निपटारा हो चुका है।
उन्होंने बताया कि पीड़ित को राहत राशि के अलावा पीड़ित के परिवार को राशन, बर्तन, बच्चों की शिक्षा इत्यादि भी प्रदान की जाती है।
उपायुक्त ने कहा कि राहत राशि पीड़ित व्यक्ति को नियमानुसार शीघ्र प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी भी प्रकार के अत्याचार के मामलों को गंभीरतापूर्वक लेने की आवश्यकता है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला के किसी भी विद्यालय अथवा आंगनवाड़ियों में किसी भी प्रकार के भेदभाव व छुआछूत के मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अधिनियम के अनुरूप पिछले तीन माह के दौरान दो लाख रुपये की राहत राशि चार पीड़ितों के पक्ष में जारी की गई है। उन्होंने पुलिस को विभिन्न थानों में पंजीकृत होने वाले अत्याचार के मामलों की मासिक रिपोर्ट के साथ एफ.आई.आर. तथा मेडिकल की रिपोर्ट भी जिला कल्याण अधिकारी को सौंपने को कहा।
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अल्पसंख्यकों को 5 करोड़ के ऋण जारी

अल्पसंख्यकों के लिये प्रधानमंत्री नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त सुमित खिमटा ने कहा कि जिला में वित्त वर्ष 2023-24 में 98 अल्पसंख्यक व्यक्तियों को करीब पांच करोड़ के ऋण वितरित  किये गये।
उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में मुस्लिम आबादी 33215, सिख 15501, ईसाई 577, जैन 236, बौद्ध 2645 तथा अन्य 86 हैं जो अल्पसंख्यक समुदायों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना तथा अन्य योजनाओं के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐसे विद्यालय एक निश्चित संख्या में अल्पसंख्यक समुदायों की घनी आबादी वाले गांवों में स्थापित किये जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्राथमिक व उच्च स्कूलों में उर्दू भाषा के अध्यापकों की भर्ती के लिये केन्द्रीय सहायता प्रदान की जा रही हे। मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है ताकि शैक्षिक तौर पर पिछड़े अल्पसंख्यकों को लाभ पंहुच सके।
उपायुक्त ने जिला के मदरसों के निरीक्षण की रिपोर्ट पर भी सदस्यों के साथ चर्चा।
उन्होंने अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रदान की जा रही छात्रवृत्तियां समय पर पात्र बच्चों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये।
जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने किया बैठकों का संचालन किया।
बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी तथा समितियों के गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।

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